क्या है मजबूरन क्लोज़िंग स्तर?
मजबूरन क्लोज़िंग स्तर (Stop Out Level) का मतलब है कि जब खाते का मार्जिन स्तर (Margin Level) किसी विशेष प्रतिशत तक गिर जाता है, तो ब्रोकर स्वचालित रूप से कुछ या सभी खुले पदों को बंद कर देता है, ताकि खाते की पूंजी नकारात्मक में न चली जाए। जब मार्जिन स्तर मजबूरन क्लोज़िंग स्तर तक गिर जाता है, तो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म स्वचालित रूप से सबसे अधिक नुकसान वाले पदों को बंद करना शुरू कर देता है, जब तक कि मार्जिन स्तर मजबूरन क्लोज़िंग स्तर से ऊपर नहीं आ जाता।मजबूरन क्लोज़िंग स्तर के ट्रिगर की शर्तें:
- मजबूरन क्लोज़िंग स्तर आमतौर पर ब्रोकर द्वारा निर्धारित एक प्रतिशत होता है, जैसे 20% या 50%।
- यदि आपका मार्जिन स्तर उस प्रतिशत से नीचे गिर जाता है, तो ब्रोकर स्वचालित रूप से क्लोज़िंग शुरू कर देगा, ताकि आपके खाते में और नुकसान न हो।
- मजबूरन क्लोज़िंग प्रक्रिया स्वचालित होती है, इसमें मानव हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता, जिसका उद्देश्य आपके खाते को नकारात्मक संतुलन से बचाना है।
मजबूरन क्लोज़िंग कैसे काम करता है:
- स्वचालित क्लोज़िंग: जब मार्जिन स्तर मजबूरन क्लोज़िंग स्तर तक पहुँचता है, तो ब्रोकर सबसे अधिक नुकसान वाले ट्रेड से क्लोज़िंग शुरू करता है, जब तक कि मार्जिन स्तर मजबूरन क्लोज़िंग स्तर से ऊपर नहीं आ जाता।
- नकारात्मक संतुलन से बचाव: मजबूरन क्लोज़िंग तंत्र का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खाते का संतुलन नकारात्मक में न जाए, जिससे निवेशकों को असहनीय नुकसान से बचाया जा सके।
उदाहरण:
मान लीजिए कि आपके ब्रोकर द्वारा निर्धारित मजबूरन क्लोज़िंग स्तर 20% है, इसका मतलब है कि जब आपका मार्जिन स्तर 20% तक गिरता है, तो सिस्टम स्वचालित रूप से क्लोज़िंग शुरू कर देगा। यहाँ विशिष्ट गणना प्रक्रिया है:- खाते के पैरामीटर:
खाते की पूंजी (शुरुआती संतुलन): 1,000 डॉलर
खुले पदों के लिए उपयोग किया गया मार्जिन: 500 डॉलर
तैरता हुआ नुकसान: 900 डॉलर - नेट वर्थ (Equity) की गणना:
नेट वर्थ = खाते का संतुलन - तैरता हुआ नुकसान
नेट वर्थ = 1,000 - 900 = 100 डॉलर - मार्जिन स्तर की गणना सूत्र:
मार्जिन स्तर = (नेट वर्थ / उपयोग किया गया मार्जिन) x 100%
मार्जिन स्तर = (100 डॉलर / 500 डॉलर) x 100% = 20%
जब यह स्थिति होती है, तो ब्रोकर स्वचालित रूप से क्लोज़िंग करेगा, ताकि आप और नुकसान न उठाएँ।
मजबूरन क्लोज़िंग स्तर और अतिरिक्त मार्जिन के बीच अंतर:
- अतिरिक्त मार्जिन नोटिफिकेशन (Margin Call):
जब आपका मार्जिन स्तर किसी उच्च सीमा (जैसे 100%) तक पहुँचता है, तो ब्रोकर अतिरिक्त मार्जिन नोटिफिकेशन जारी करता है, जिससे आपको पूंजी को फिर से भरने या पदों को कम करने की याद दिलाई जाती है। - मजबूरन क्लोज़िंग स्तर (Stop Out Level):
जब मार्जिन स्तर और गिरता है और ब्रोकर द्वारा निर्धारित मजबूरन क्लोज़िंग स्तर (जैसे 20%) तक पहुँचता है, तो ब्रोकर स्वचालित रूप से क्लोज़िंग करेगा, बिना कोई चेतावनी दिए।
सारांश:
मजबूरन क्लोज़िंग स्तर एक सुरक्षा तंत्र है। जब खाते की पूंजी खुली स्थिति को बनाए रखने के लिए पर्याप्त नहीं होती है, तो ब्रोकर स्वचालित रूप से क्लोज़िंग करता है ताकि बड़े नुकसान से बचा जा सके। मजबूरन क्लोज़िंग स्तर को समझना और प्रबंधित करना आपको जोखिम को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, और आपके खाते की पूंजी की सुरक्षा कर सकता है।नमस्ते, हम Mr.Forex रिसर्च टीम हैं
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